Thursday, December 29, 2011

सुख दुःख मे आँखे है नम















कभी कभी ये आँखे हो जाती है नम,
जब कर देते है अपने कुछ ऐसा सितम,
 दे देते है जीवनभर के लिए जख्म..
कुछ कह देते है बातें जो हमने पहले नहीं थी मानी,
कुछ ऐसी वाणी जो लगती है कडवी उनकी जुबानी..
कभी पल के लिए लगता है जीवन एक जशन,
तो अगले ही पल फिर ये आँखे हो जाती है नम..
कभी करते है वो हमसे ढेर सारा प्यार,
तो कभी करते है, परायो सा व्यवहार..
कभी अंजानो से हो जाती है मीठी सी बातें,
तो कभी अपनों से बात करने के लिए तरस जाती हें रातें,,
कभी हमारी तारीफ़ करते नहीं थकते,
तो कभी हमारी गलतियों पे हमे डाँटते..
कभी हमारे काम को समज अपना काम, उसे कर लेते पूरा,
तो कभी काफी ढूंढने पर भी मिलता नहीं कोई सहारा..
कभी दुःख में सुखी रहना सिखाते हें,
तो कभी अनजाने से हमारे सुख में दुःख का कारण बन जाते हें..
कैसे हम हस्ते मुस्कराते हें जब होते हें सब शामिल,
फिर तनहा हो जाने पर रोता हें ये दिल..
कभी कभी ये आँखे हो जाती है नम,
यही तो हें इस जीवन की सरगम,
|| अक्सर हें ख़ुशी तो कभी है गम ||